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माँ

antardwand
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माँ एक ऐसा शब्द जो आत्मा में मात्रितवा की भावना भर देता है ..माँ जेसा कोई नही है वो धरा है उसकी सहनशक्ति अतुलनीय है .तभी तो भगवान ने भी एक बच्चे को जन्म देने के लिए ओरत को ही चुना है यह कार्य और कोई नही कर सकता ..माँ खुद तकलीफ सहकर एक बच्चे को जन्म देती है ,,एक नन्ही जान को जीवनदान देती है जो ये दुनिया देखता है ..खुद अपनी नींद खोकर भाच्चे को सुलाती है ,खुद भूखी रहकर बच्चे को खिलाती है ..माँ का कोई मोल नहीं है वो तो अनमोल है .जो एक माँ कर सकती है वो दूसरा कोई नही कर सकता .वह अतुलनीय है ..कहते है की जब एक ओरत बच्चे को जन्म देती है तो अपना कफ़न साथ में रखकर देती है ..सोचो कितना कठिन कार्य है ये ..जो कोई नही कर सकता ..माँ प्यार की मूरत है ..दया का सागर है …क्षमाशील है …माँ सब कुछ है ..कहते है की गूंगे (जब बच्चा बोलना नही जानता ) की भाषा माँ ही समझ सकती है ..बच्चे को कब भूख लगी है या प्यास लगी है या उसे क्या चाहिए …वो बच्चे के लिए सब कुछ कर सकती है जो शायद ही कोई और कर सके …बिना किसी अपेक्षा के वो अपनी ओलाद के लिए सब कुछ करती है ..उसे तो ये भी नही पता होता की यही बच्चा बड़ा होकर उसे सुख देगा या दुःख देगा ..बिलकुल निस्वार्थ भावना से वो बच्चे को पालती है ..इसीलिए हमे माँ के इस उपकार नही भूलना चाहिए की जिसने तुम्हे ये दुनिया दिखाई इस दुनिया में लाई ..उस दुनिया की मायावी चीजों के लिए तुम अपनी जननी को भूल जाओ …उसका उपकार तो तुम मरकर भी नही भुला सकते ,इसीलिए उसे सुख दो आदर दो .प्यार दो ..उसके आज्ञाकारी बनो ,जिसकी वो हकदार है …वो तुमसे सोना -चाँदी नही मांगती केवल तुम्हारे दिल में अपने लिए थोड़ी सी जगह मांगती है …वो भी अगर तुम दे सको तो ..तुम्हारे सुख के लिए तो वो इसे भी छोड़ देगी .ईश्वर हमे दिखाई नही देता …लेकिन माँ के रूप में वो साक्षात् हमारे साथ है ..माँ के चरणों में ही सारे सुख है …तभी तो जब शिवजी भगवान ने गणेश जी को पूरी पृथ्वी की परिकर्मा करने को कहा तो उन्होंने अपने माता -पिता में ही सारे ब्रह्माण्ड को जानकर केवल उन्ही की परिकर्मा कर ली ….जब गणेश भगवान की ऐसी सोच थी तो हम तुच्छ प्राणियो की क्या बात है ..मेने भगवान नही देखा लेकिन मेने माँ को देखा है …हम कितने भी बड़े हो जाये , लेकिन माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहेंगे , तभी तो उसकी ममता हमारे लिए कभी कम नही हो सकती वो अपने बच्चो के सुख में ही अपना सुख खोजती है.. माँ का स्थान इस दुनिया में सबसे ऊँचा है ..माँ अतुलनीय है ..mother_sonmother-savior

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