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अपमानजनक सोच – Jagran Junction फोरम
“बीवी पुरानी हो तो मजा नहीं आता”..ऐसी घटिया सोच किसी घटिया आदमी की ही हो सकती है.चाहे वो हमारे
माननीय केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ही क्यूँ न हो.अगर उन्हें कटाक्ष करना ही था या व्यंग्बान छोड़ना ही था या वो हास्य व्यंग के मूड में थे तो और भी बहुत सारे चुटकले है ये बीवी बीच में कहाँ से आ गई .आप भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई देना चाहते है तो सीधे सीधे दीजिये ये अपनी मन की भडास क्यूँ निकल रहे है.क्या ओरत केवल भोग-विलास की ही वस्तु रह गई है .जिसे जहाँ मर्जी भरी सभा में अपमानित कर दिया जाये .उन्होंने भी एक ओरत के गर्भ से जन्म लिया है .आसमान से नही टपके .ये श्रीप्रकाश जायसवाल की ही सोच नही है, अधिकतर पुरुषो की ऐसी ही सोच है .बिलकुल उनके श्रीमुख से पुरुष प्रधान समाज की कडवी सच्चाई निकली है.कोई भी व्यक्ति बिना सोचे समझे इतना बड़ा कथन नही कहता .जीतने की चाह तो उम्र भर,मरते दम तक रहती है तो क्या नई नई बीवी की चाह भी बार बार और उम्र भर ,मरते दम तक रहेगी .भारतीय क्रिकेट टीम ने सन १९८३ और २०११ में वर्ल्ड कप जीता था तो क्या उसकी चमक और जीत की ख़ुशी अब फीकी पड़ गई .लगता है कोयला मंत्री को कोयले की कालिख लग ही गई,सही कहा है किसी ने कोयले की दलाली में हाथ तो काले हो ही जाते है..जब मंत्री जी ऐसे शब्दों का उच्चारण करेंगे तो आम आदमी से क्या अपेक्षा रखी जा सकती है..कोई भी सफाई दे दे मंत्री जी पर जेसे दुनीर से निकला हुआ बाण वापस नही आ सकता वेसे ही मुख से निकले हुआ शब्द वापस नही आ सकते.और यदि उनके मन में ऐसी बात नही थी तो जुबान पैर कैसे आ गई.मतलब उनकी कथनी और करनी में फरक है…वाह मंत्री जी.कमाल है कैसी सोच है आपकी..सोचकर ही शर्म आ रही है.परिस्थिति चाहे कोई भी हो ,आप अपना विवेक ओए संयम कैसे खो सकते है.ये टीम इंडिया को बधाई देने का कोन सा तरीका है .
त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थी हु …
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