antardwand
- 43 Posts
- 141 Comments
चाँद से रोशन चेहरे पर, जुल्फों का गहरा साया है
अधरों पर अंकित इक तिल ने, हाय गज़ब ही ढाया है…
नफ़ज़ नफ़ज़ में भरी नफासत,अंग अंग में रंगत है
मकराने से लाकर पत्थर, तेरा बदन बनाया है…
फूलों से खुशबु लेकर, महकाया तेरे यौवन को
तुझे बनाने वाले ने, ये अपना हुनर दिखाया है…
तेरी एक झलक की खातिर, अपना सब-कुछ लुटाया है
उसके दिल में मचा है बवला, जिसने ये जलवा पाया है …
इन झील सी आँखों में ,अथाह प्रेम का डेरा है
जाने कब बरसे ये बदरा , मेघों ने आ घेरा है…
चलती है जब बलखाकर,पवन अंगडाई लेती है
साथ तेरा स्वर्णिम पाने को बूँदें भी तरसती है…
आरती शर्मा …
Read Comments