Menu
blogid : 11130 postid : 604656

हिंदी सम्मानजनक भाषा “Contest”

antardwand
antardwand
  • 43 Posts
  • 141 Comments

images

भारत के संविधान में देवनागिरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया है .हिंदी सबसे अधिक बोली व् समझी जाने वाली भाषा है.राजभाषा होने के साथ साथ यह हमारी मातृभाषा भी है. हिंदी सवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा है. चीनी भाषा के बाद हिंदी विश्व में सवार्धिक बोली जाने वाली भाषा है .हिंदी सम्मानजनक भाषा के रूप में मुख्य धारा के रूप में लाई जा सकती है
इसके लिए हिंदी भाषा को मुख्य रूप से विद्यालय के हर एक पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से लागू करना होगा.हमारे विद्यालयों में दसवी कक्षा के बाद हिंदी अनिवार्य नही है.आजकल स्कूल कॉलेज में सभी विषय अंग्रेजी में होते है.उसमे भी हिंदी को वैकल्पिक तौर पर शामिल किया जाता है.निजी स्कूलों की बढती संख्या भी इसमें बहुत बड़ा अवरोध है .सरकारी स्कूलों का प्रतिशत इसके मुकाबले बहुत कम है .एक बालक वही सीखता है जो उसे सिखाया जाता है .अब यदि अभीभावक अंग्रेजी विषय पर जोर देंगे तो बच्चा वही सीखेगा.हिंदी को वृहद स्तर पर लाने के लिए स्कुल एवम कोलेजों में समय समय पर हिंदी विषय में निबन्ध एवम वाद-विवाद प्रतियोगिता करनी चाहिए और उसमे जीतने वाले विद्यार्थियों को आकर्षक पुरस्कारों एवं पदों से सम्मानित किया जाना चाहिए जिससे उन प्रतियोगियों के साथ साथ और बच्चो का रुझान भी हिंदी की तरफ बड़े. हिंदी प्रेमियों के लिए भी समय समय पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताएं कराकर आकर्षक पुरस्कार एवं पद देने चाहिए जिससे आम आदमी भी प्रेरणा पाकर हिंदी भाषी बनने की और अग्रसर हो.
राष्टीय भाषा की अत्यंत लोकप्रियता एवं विश्व में बढते रुझान के कारण इसने रोज़गार के काफी नये अवसर खोले है. हिंदी मीडिया में स्वतंत्र लेखन का अवसर प्रदान करके भी हिंदी को सही दिशा मिल सकती है..इसमें सभी चेनेल ,अखबार एवम रेडियो सम्मिलित है. इसमें समाचार पत्र अहम् भूमिका निभाते है .हिंदी मीडिया के क्षेत्र में सम्पादक,सवांददाता ,लेखक ,न्यूज़रीडर ,एंकर की काफी आवश्यकता होती है इसे और भी वृहद् स्तर पर लाकर हिंदी भाषी प्रेमियों का होसला बडाया जा सकता है.इसमें केवल सुचारू रूप से हिंदी बोलना एवम लिखना अनिवार्य कर देना चाहिए . सरकार ,राज्य सरकार विशेषकर हिंदी भाषी राज्यों के विभिन्न विभागों में ,हिंदी भाषा में काम करना अनिवार्य कर देना चाहिए . केंद्र व् राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों एवम इकाइयों में हिंदी अधिकारी, हिंदी अनुवादक ,हिंदी सहायक ,हिंदी प्रबंधक (राजभाषा ) जैसे विभिन्न पदों की भरमार कर देनी चाहिए.जिससे स्कूल एवम कॉलेजों में विद्यार्थी अपने आप ही हिंदी बोलने और पढने के लिए उत्साहित हों.तभी हमारी मातृभाषा हिंदी को सम्मानजनक भाषा के रूप में मुख्य धारा के रूप में लाया जा सकता है .
त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ
धन्यवाद
आरती शर्मा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply